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सच और झूठ के बीच कोई तीसरी चीज नहीं होती और मैं सच के साथ हूं : छत्रपति       www.poorasach.com      

Saturday 4 January 2014

अस्पताल का औचक निरीक्षण, मिली खामियां

सिरसा। प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग के एडिशनल डायरेक्टर विजय गर्ग ने आज अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने मुख्यमंत्री मुफ्त ईलाज योजना की समीक्षा की और अधिकारियों व चिकित्सकों को निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान अचानक लाईट चले जाने से अंधेरे में ही निरीक्षण की कार्रवाई की गई। विजय गर्ग ने बताया कि कई कमियां सामने आई हैं जिन्हें शीघ्र ही दूर करवाया जाएगा। स्टाफ की भी कमी है जिसे जल्द पूरा किया जाएगा।

आप सम्मेलन में व्यवस्था पर चोट

सिरसा। सरकारी तंत्र की व्यवस्था से क्षुब्ध आम आदमी आज आम आदमी के हलका सम्मेलन में जमकर बरसे। बाईपास रोड पर आप कार्यालय में हुए सिरसा हलका के सम्मेलन में शहर व आसपास के ग्रामीण क्षेत्र से भी कार्यकर्ता पहुंचे। सभी वक्ताओं ने व्यवस्था पर चोट करते हुए आप पार्टी को बदलाव का बेहतर मंच बताया।
आज हलका के सम्मेलन में उपस्थित कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए आम आदमी की पार्टी के नेता प्रहलाद सिंह भारूखेडा ने कहा कि अब वक्त आ गया है कि व्यवस्था बदलने के लिए आम आदमी को आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि आम आदमी की आवाज को आप पार्टी के बैनर तले प्रभाशाली ढंग से उठाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जब तक सत्ता में बैठे खास आदमियों को बाहर का रास्ता नहीं दिखाया जाएगा तब तक व्यवस्था में परिवर्तन संभव नहीं है। भारूखेडा ने कहा कि वीआईपी नेता आम आदमी के हितों को ध्यान में रखते हुए कोई भी नीति नहीं बनाते बल्कि वे अपने लाभ की नीति ही बनाते हैं। इस दौरान आप नेता संदीप सींवर ने कहा कि दिल्ली के चुनाव परिणामों ने यह साबित कर दिया है कि आम आदमी को भ्रष्ट नेताओं से नफरत हो गई है और वे स्वच्छ सत्ता चाहते हैं। इस अवसर पर हलका स्तर की कमेटी के गठन को लेकर भी विस्तार से चर्चा हुई। सम्मेलन में उपस्थित सभी आम आदमियों को अपने विचार रखने का खुला निमंत्रण दिया गया जिसमें कई आम आदमियों ने भ्रष्ट नेताओं के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली। कार्यक्रम के दौरान प्रदीप सचदेवा ने व्यवस्था परिवर्तन से संबधित शे'र सुनाकर सबका मनोरंजन किया।

बिजली संघर्ष समिति सदस्य बैठे भूख हड़ताल पर

सिरसा। प्रदेश सरकार द्वारा बिजली के दामों में की गई वृद्धि को अगर 17 जनवरी तक वापस नहीं लिया गया तो हरियाणा बिजली आंदोलन संघर्ष समिति इंडिया स्टूडैंटस फैडरेशन और अखिल भारतीय नौजवान सभा के साथ मिलकर 18 जनवरी को प्रदेश भर में सड़कों उतर कर प्रदर्शन करेगी। यह बात बिजली आंदोलन संघर्ष समिति के प्रदेश संयोजक एवं ए.आई.एस.एफ के राष्ट्रीय सचिव रोशन सुचान ने आज शहीद करतार सिंह सराभा भवन में पत्रकार वार्ता के दौरान कही। उन्होंने कहा कि संघर्ष समिति की सरकार से एक ही मांग है कि बिजली के  दाम 1500 यूनिट तक घरों मेें ढाई रुपये प्रति यूनिट और दुकानों में तीन रुपये प्रति यूनिट किए जाएं। प्रदेश की कांग्रेस सरकार अगर 17 जनवरी तक इस मांग को पूरा करती है तो ठीक है, नहीं तो 18 से राज्य व्यापी आंदोलन के चलते सिरसा में 18 जनवरी को करीब दस हजार लोग सड़कों पर उतरेंगे और कांग्रेस सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे। सुचान ने कहा कि सरकार ने बिजली इतनी महंगी कर दी है कि घर में एक बल्ब जलाने वाला आदमी हजारों रुपयों का बिल नहीं भर सकता। सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वो लोगों को सस्ता भोजन, बिजली,पानी, शिक्षा, चिकित्सा और रोजगार का प्रबंध करे।  उन्होंने कहा कि हम लंबे समय से सस्ती बिजली के लिए आंदोलन कर रहे हैं।
             सरकार ने आज बिजली के दाम 7 से 8 रुपये प्रति यूनिट कर रखें हैं। मुख्यमंत्री भूपेन्द्र ङ्क्षसह हुड्डा द्वारा प्रत्येक बिजली बिल में 200 रुपये की छूट को लूट बताते हुए रोशन सुचान ने कहा कि सरकार जनता को गुमराह कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 10 जिलों में बिजली आंदोलन संघर्ष समिति का आंदोलन चल रहा है। सोनीपत मेें 3 जनवरी से क्रमिक अनशन जारी है। संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने स्पष्ट किया कि ये आंदोलन पूरी तरह से गैर राजनैतिक है लेकिन कोई भी शख्स चाहे वो किसी भी दल से हो जनहित की सोच लेकर आंदोलन में शामिल हो सकता है। बिजली आंदोलन आम जनता से जुड़ा मुद्दा है। पत्रकार वार्ता के बाद हरियाणा बिजली आंदोलन संघर्ष समिति के लोग शहीद भगत सिंह चौक पर अनशन पर बैठ गए। समिति के प्रवक्ता सी.भोला ने कहा कि 17 जनवरी तक शहीद भगत सिंह चौक पर आंदोलनकारियों का अनशन जारी रहेगा और सरकार ने मांगे नहीं मानी तो 18 जनवरी को सरकार बड़े आंदोलन का सामना करने के लिए तैयार रहे। प्रथम दिन अनशन पर हैप्पी बक्शी, हरबंस लाल शर्मा, मनोज पचेरवाल,मांगेराम पनिहारी, लीला राम, का. रामकिशन, वेदप्रकाश, पिनेश बागड़ी, सुरेन्द्र ढल, पिंका शर्मा, राजेश अहलावत, संदीप, राजेन्द्र भंगू, जोगेन्द्र सोनी, रामकुमार, पासर सोनी, सौरव, सुमित खुराना, मंदीप आजाद व अशोक बरूवाली बैठे।

ब्रेल लिपि के आविष्कारक को किया याद

सिरसा। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के दिशा निर्देशानुसार आज स्थानीय हेलनकेलर सोसायटी के प्रांगण में लुइसब्रेल जन्मशताब्दी की 205 वीं जयन्ती का राज्यस्तरीय समारोह का आयोजन किया गया।  इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त शिव प्रसाद शर्मा ने मुख्यातिथि के रुप में शिरकत की।  सोसायटी द्वारा समारोह बड़ी धूमधाम से मनाया गया। इस समारोह में प्रयास, हेलनकेलर सोसायटी के साथ-साथ शहर की विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों और सदस्यों को आमंत्रित किया था।  इस अवसर पर प्रयास स्कूल की प्राचार्य श्रीमती जसबीर कोर सेठी , दिशा स्कूल की निदेशिका श्रीमती गीता कथुरिया, हेलन केलर स्कूल के प्राचार्य सूरज कुमार, समाज कल्याण विभाग के कृष्ण कुमार, लाल चंद गोदारा व अन्य संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त शिव प्रसाद शर्मा ने बच्चों को सम्बोधित करते हुए कहा कि  लुईस ब्रेल का जन्म 4 जनवरी 1809  को  सिमौन ब्रेल के घर पेरिस के कु्रपे नामक छोटे से गांव में हुआ था।  लुईस ब्रेल की तीन वर्ष की आयु में आंखो में चमड़ा काटने की सुई लगने से वे दृष्टिहीन हो गए थे। उन्होने बताया कि  लुईस ब्रेल ने 10 वर्ष की आयु में पाठशाला में शिक्षा के लिए भेजा गया।  स्कूल में शिक्षा ग्रहण करने उपरांत नई लिपि के अविष्कार का सपना उनके मन में जन्म ले चुका था।  संयोग से उन्ही दिनों उनके विद्यालय में एक रात्रि लेखन विधि का प्रदर्शन हुआ। इस विधि के निर्माता चाल्र्स बारबियर ने यह विधि सैनिकों के लिए विकसित की थी। जिससे वे अंधेरी रात में भी संदेश छुकर पढ़ सके। उस व्याख्यान को सुनते ही लुईस के सामने मानो एक संपूर्ण नीति के निर्माण का मार्ग खुलता हुआ दिखाई देने लगा। लुईस ने हावे तथा बारबियर की विधियों के सैद्धतिंक अंतर को समझ लिया था। लुईस अपने स्कूल के हॉस्टल में रात में मोटे कागज पर बिंदुओं से अक्षर बनाते और दिन में अपने मित्रों से उनकी पहचान करवाते। अतिरिक्त उपायुक्त ने बताया कि रात को जब सारे सोते तो लुईस ब्रेल अपना कार्य करते थे और दिन में रात की काम की चर्चा करने पर जो त्रुटियां निकलती उनको रात में सुधारने की कोशिश करते।  इसी तरह 23 वर्ष की आयु में ही लुईस ब्रेल ने ब्रेल लिपि का अविष्कार किया। दृष्टिहीन होने पर भी उन्होंने साहस नहीं छोड़ा और अपने लक्ष्य को प्राप्त किया।  उनकी यही लिपि आज दृष्टिहीनों के लिए एक वरदान साबित हुई है।  उन्होंने बच्चो  को  लुईस ब्रेल व सूरदास के उदाहरण देते हुए कहा कि वे अपना हौंसला न छोड़े व मेहनत कर शिक्षा के क्षेत्र में अपना लक्ष्य प्राप्त कर अच्छे पदों पर आसीन हो। इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त  ने अजमेर में हुई विशेष बच्चों की खेल प्रतियोगिता में प्रथम द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले को नकद पुरुस्कार दिया। इस अवसर पर विशेष बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तृत किए गए।

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