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Monday 2 February 2015

डीसी ने किया अस्पताल का औचक निरीक्षण

कर्मचारियों को दिए व्यवस्थाएं सुधारने के आदेश

सिरसा। उपायुक्त निखिल गजराज ने आज सामान्य अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने अस्पताल प्रशासन को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। औचक निरीक्षण के चलते अस्पताल के कर्मचारियों में हड़कंप सा मचा रहा।
जानकारी के अनुसार उपायुक्त निखिल गजराज आज सुबह करीब सवा दस बजे सामान्य अस्पताल पहुंचे और गाड़ी से उतरते ही वे परिसर में घूमने लगे।  उनको अचानक परिसर में घूमता देख डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. वीरेश भूषण सहित अन्य अधिकारी तुरंत उनके पास पहुंचे। उपायुक्त ने अस्पताल के सभी वार्डों में जाकर स्थिति जांची। उन्होंने अधिकारी को अस्पताल में साफ-सफाई रखने का निर्देश दिया साथ ही यह सुनिश्चित करने को कहा कि हर कर्मचारी ड्यूटी टाइम पर पहुंचे। उन्होंने डिप्टी सीएमओ से कहा कि अस्पताल में आने वाले मरीजों को किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े। साथ ही ट्रॉमा सेंटर के अंदर भी ओपीडी केंद्र खोलने को कहा गया।  दूसरा ओपीडी केन्द्र खुलने से कतार लंबी नहीं लगेगी और लोगों को ज्यादा परेशानी नहीं झेलनी पड़ेगी। करीब आधे घंटे के निरीक्षण के बाद डीसी गजराज अस्पताल से रवाना हुए। उनके जाने के बाद अस्पताल के तमाम स्टाफ ने राहत की सांस ली।

बिना अनुमति डाल रहे थे केबल
मशीनें छोड़ फरार

सिरसा। वार्ड नंबर 22 की पीर बस्ती के नजदीक एक निजी टैलीकॉम कंपनी द्वारा बिना नगर परिषद् की परमिशन के 3जी तार डालने का मामला प्रकाश में आया है। मौके पर पहुंचे 22 नंबर वार्ड के पार्षद पति हरदास रिंकू ने मामले की सूचना नगर परिषद् के कार्यकारी अधिकारी बी एन भारती को दी।नगर परिषद् के जे ई राजेश भाम्भू को मौके पर भेज गया और कागज जांचने के बाद उन्होंने बताया की कंपनी के पास मात्र परिषद् द्वारा तैयार किया गया एस्टीमेट है जिसे वे लोगों को परमिशन बताकर मूर्ख बना रहे थे।साथ ही कंपनी ने तार डालने के लिए लगाई गई मशीन के कारण कई घरों की सीवर लाइन भी टूट गई। नगर परिषद् के जे ई के मौके पर पहुंचने पर विभाग के कर्मचारी मशीनें छोड़कर फरार हो गए।

हादसे में एक की मौत

सिरसा। गांव नारायणखेड़ा के समीप गत सायं को बाइक अनियंत्रित होकर पलटने से बाइक सवार युवक की मौत हो गई। हादसे में उसका साथी गंभीर रूप से घायल हो गया। घायल को उपचार के लिए सामान्य अस्पताल में दाखिल करवाया गया है। 
जानकारी के अनुसार गांव रत्ताखेड़ा निवासी सतपाल (30)पुत्र सुभाष अपने दोस्त कुलदीप के साथ जोधकां से गत सायं बाइक पर सवार होकर नारायणखेड़ा जा रहा था। रास्ते में बाइक के आगे कुत्ता आ गया जिसे बचाने के चक्कर में बाइक अनियंत्रित होकर पलट गया। हादसे में सतपाल की मौके पर ही मौत हो गई जबकि कुलदीप को गंभीर हालत में राहगीरों ने अस्पताल पहुंचाया। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को अपने कब्जे में लिया। पुलिस ने आज मृतक के परिजनों के बयान पर 174 के तहत कार्रवाई करते हुए शव का पोस्टमार्टम करवाकर सौंप दिया। सतपाल दो बच्चों का पिता था।

इमू फार्मिंग कंपनी के डायरेक्टरों पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज

सिरसा। अदालत के निर्देश पर नाथुसरी चोपटा थाना पुलिस ने चंडीगढ़ स्थित ईमू फार्मिंग कंपनी के पांच डायरेक्टरों सहित आधा दर्जन लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी, अमानत में ख्यानत व षडयंत्र रचने का मामला दर्ज किया है। पुलिस इमू फार्मिंग के नाम पर धोखाधड़ी करने वालों की तलाश में जुट गई है।
जानकारी के अनुसार गांव रुपाणा खुर्द निवासी दयाराम पुत्र इंद्राज ने अदालत में इस्तगासा दायर कर इमू इंडिया एग्रो प्रा. लि. चंडीगढ़ के निदेशकों पर धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया था। शिकायतकर्ता ने बताया कि उक्त कंपनी के निदेशकों ने इमू फार्मिंग का कारोबार करने का अनुबंध किया था। जिसके तहत इमू की फार्मिंग करने पर लाभ का आश्वासन दिया गया था। अंडों की बिक्री का भरोसा दिलाया गया था। शिकायतकर्ता ने बताया कि उक्त कंपनी के डायरेक्टर प्रमोद गोयल, युवराज गोयल, ओसी गोयल निवासी चंडीगढ़, मैनेजिंग डायरेक्टर सुरेश कुमार निवासी मुंबई, रोशन लाल निवासी चंडीगढ़ व एक अन्य ने लाखों रुपए के इमू अंडे तो खरीदे लेकिन उनका भुगतान नहीं किया। अदालत ने इस मामले में पुलिस को कार्रवाई करने के निर्देश दिए। जिस पर नाथुसरी चोपटा थाना पुलिस ने उपरोक्त सभी आरोपियों के खिलाफ भादंसं की धारा 420, 406, 468, 471 व 120बी के तहत मामला दर्ज कर उनकी तलाश शुरु कर दी है।
अनेक बेरोजगारों को लगाई चपत : इमू फार्मिंग से रोजगार के सपने दिखाने वाली इमू फार्मिंग कंपनी ने सिरसा के दर्जनों युवाओं के साथ ठगी की। अनेक युवाओं ने बैंकों से लोन लेकर इमू की फार्मिंग शुरु की। कंपनी की ओर से महंगी दर पर इमू के जोड़े बेचे गए। इसके साथ ही उनकी फीड की बिक्री भी की गई। अंडे की बिक्री के नाम पर अंडे खरीदे और उनके पैसे भी नहीं लौटाए। सिरसा में एक समय दर्जनों जगहों पर इमू फार्म खुले लेकिन  कंपनी द्वारा की गई धोखाधड़ी के चलते तमाम फार्म बंद हो गए और युवा बैंकों के ऋणी हो गए। कई जगह तो घाटे का सौदा बने इन इमू को लोगों ने खुला ही छोड़ दिया जिसकी वजह से अन्य किसानों को परेशानी झेलनी पड़ी।

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