परेशान कैदियों के परिजनों ने लघु सचिवालय व जिला जेल के समक्ष किया प्रदर्शन
सिरसा। जिला कारागार में बंद कैदियों के परिजनों ने आज जिला कारागार और लघु सचिवालय परिसर में प्रदर्शन किया। परिजनों का कहना है कि जेल में बंद उनके रिश्तेदारों को पैरोल नहीं मिल रही। हिसार मंडल के आयुक्त करीब डेढ़ महीने से छुट्टी पर हैं। यही वजह है कि कैदियों की पैरोल का मामला भी अटका हुआ है। जेल प्रशासन इस मामले में अपने आपको असमर्थ बताता है। जेल अधिकारियों का कहना है कि उनकी और से पैरोल दिए जाने की अनुशंसा कर दी गई है। लेकिन फाइल हिसार आयुक्त कार्यालय में अटकी हुई है।
अकेले सिरसा जेल की बात करें तो यहां 104 कैदियों की पैरोल लटकी हुई है। हिसार मंडल आयुक्त के अंडर सिरसा के साथ-साथ हिसार की दोनों जेलें और भिवानी इत्यादि जेले आती हैं। दरअसल कैदियों को अपने सामाजिक व अन्य दायित्वों की अदायगी के लिए पैरोल दिए जाने का प्रावधान जेल मैनुअल में है। कैदियों की पैरोल की फाइल रिक्मंड करने के बाद जेल प्रशासन, पुलिस अधीक्षक और उपायुक्त के पास भिजवाता है। दोनों अधिकारियों की अनुशंसा के साथ फाइल अंतिम निर्णय लिए हिसार मंडल आयुक्त के पास जाती है। हिसार मंडल आयुक्त पिछले डेढ महीने से अवकाश पर हैं। आयुक्त के अवकाश पर होने के बाद किसी अन्य अधिकारी को पैरोल देने की स्वीकृति का अधिकार नहीं दिया गया। इस वजह से कैदियों की पैरोल का मामला अटका हुआ है। जेल में बंद कैदियों के परिजनों ने आज सिरसा में जिला कारागार व लघु सचिवालय परिसर में प्रदर्शन कर विरोध जताया। उनकी मांग थी कि इस संवेदनशाील मामले में प्रशासनिक अधिकारी कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रहे जिसके चलते जेल में बंद उनके परिजनों को पारिवारिक जिम्मेदारियों के निर्वहन के लिए पैरोल नहीं मिल पा रही।
300 खिलाडिय़ों ने लिया स्पैट में भाग
सिरसा। हरियाणा खेल एवं युवा कार्यक्रम विभाग ने स्पैट-2015 के द्वितीय चरण की परीक्षा के लिए शहीद भगत सिंह स्टेडियम में कार्यक्रम शुरू किया गया है। स्पैट प्रतियोगिता के द्वितीय चरण में असज लगभग 300 बच्चों ने भाग लिया।
जिला खेल एवं युवा मामले अधिकारी लक्षमण सिंह सैनी ने बताया कि यह प्रतियोगिता 9 फरवरी से शुरू होकर 16 फरवरी तक संपन्न होगी। स्पोट्र्स एंड फिजीकल एक्सरसाइज इवेल्यूएशन एंड डेवलमेंट (स्पैट) के द्वितीय चरण की प्रतियोगिता में खिलाडिय़ों के आयु प्रमाण-पत्र व स्कूल के विड्रोल अनुसार प्राचार्य से सत्यापित करवाकर लाना होगा। उन्होंने बताया कि इन प्रतियोगिता में खिलाडिय़ों को प्रमाण पत्र साथ में लाना अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि रजिस्टे्रशन करवाने के बाद बच्चों के परीक्षण को पास करने के लिए तीन राउंड में 30 मीटर फलाइंग दौड़, 6 गुणा 10 शटल दौड़, स्टेंडिंग वर्टिकल जंप, मेडिसन बॉल थ्रो, बैंड एंड रीच तथा 800 मीटर दौड़ से गुजरना होगा। इस परीक्षण को पारदर्शी बनाने के लिए दूसरे जिलों के 19 कोच की तैनाती की गई है। सैनी ने जिला के उन बच्चों से आग्रह किया जो प्रथम चरण में पास हुए थे।
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