सिरसा। राष्ट्रीय स्तर पर 16 केंद्रीय टे्रड यूनियनों के आह्वान पर केंद्र सरकार व प्रदेश सरकार के कर्मचारियों, मजदूरों, किसानों व आम जनता के खिलाफ कथित जनविरोधी एवं पंूजीपतियों के पक्ष में लिए जा रहे निर्णयों के खिलाफ 'जेल भरो सत्याग्रह' के तहत आज जिला के सैकड़ों कर्मचारियों, मजदूरों व परियोजनाओं में काम कर रही महिलाओं ने गिरफ्तारियां दीं। इससे पूर्व कर्मचारी, मजदूर बरनाला रोड स्थित चौ. देवीलाल पार्क में एकत्रित हुए। यहां से सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए लघु सचिवालय की तरफ कूच किया। लालबत्ती चौक के निकट पुलिस ने भारी सुरक्षा प्रबंधों के बीच प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया।
इससे पूर्व 'जेल भरो सत्याग्रह' के लिए एकत्रित कर्मचारियों की पार्क में सभा हुई। सभा की अध्यक्षता सर्वकर्मचारी संघ के जिला प्रधान सोहन सिंह रंधावा व कर्मचारी महासंघ के प्रधान आत्मा सहारण ने की। मंच संचालन प्रेम शर्मा व देवीलाल बिरड़ा ने किया। सर्वकमचारी संघ के राज्य वरिष्ठ उपप्रधान सरबत सिंह पूनियां व महासंघ के प्रांतीय प्रवक्ता विजय जाखड़ ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार श्रम कानूनों में बदलाव करके कर्मचारियों एवं मजदूरों को मिले अधिकारों को समाप्त करने का षडयंत्र रच रही है। रोडवेज ट्रांसपोर्ट सेफ्टी एक्ट व बिजली बिल 2014 के माध्यम से परिवहन सुविधा एवं बिजली को पंूजीपतियों के हवाले किया जा रहा है। सरकारी विभागों का निजीकरण किया जा रहा है व ठेकेदारी प्रथा के माध्यम से आम जनता का शोषण किया जा रहा है। भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के माध्यम से भी सरकार किसानों को बर्बाद करने पर तुली हुई है। मैकेनिकल वर्करज यूनियन के प्रदेश उपाध्यक्ष कृपाशंकर त्रिपाठी व सीटू नेता विजय ढूकड़ा ने सरकार से मांग की कि पंूजीपतियों को लाभ पहुंचाने वाले श्रम कानूनों में बदलाव को रद्द किया जाए। परियोजना व अन्य विभागों में कार्यरत कर्मचारियों को पक्का किया जाए, न्यूनतम वेतन कम-से-कम 15 हजार रूपए मासिक लागू किया जाए।
सभा में वक्ताओं ने हरियाणा सरकार से मांग की कि पूर्व सरकार के दौरान संघर्षों से मनवाई गई मांगें जैसे कच्चे कर्मचारियों को पक्का करना, पंजाब के समान वेतनमान लागू करना, वेतन विसंगतियां दूर करना, ठेकेदारी के तहत कर्मचारियों को पक्का करना, सरकारी विभागों में रिक्त पड़े पदों पर नियमित भर्ती करना जैसी मांगों को तुरन्त लागू किया जाए। सभा को महेंद्र शर्मा, अशोक कुमार पटवारी, राजमंदर शर्मा, टेकचंद मेहता, अविनाश कंबोज, राजकुमार शेखुपुरिया, मान सिंह डागर, रामकुमार, मदनलाल खोथ, कामरेड अवतार सिंह, महिला नेत्री बलवीर कौर गांधी ने भी संबोधित किया।
मूलभूत सुविधाओं की मांग को लेकर छात्रों का प्रदर्शन
सिरसा। राजकीय नेशनल कालेज के छात्रों ने आज कालेज में अव्यवस्थाओं को लेकर कक्षाओं का बहिष्कार कर कालेज प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर रोष प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी छात्रों ने रोषस्वरूप प्राचार्या को कार्यालय में बंद कर दिया तथा कार्यालय के बाहर जमकर नारेबाजी की। करीब 20 मिनट बाद पुलिस ने कालेज में पहुंचकर प्राचार्या को वहां से बाहर निकाला तथा प्राचार्या ने छात्रों को आश्वासन देकर शांत करवाया।
आज सुबह नेशनल कालेज में व्यवस्थाओं का जायजा लेने लिए टीम पहुंची हुई थी। छात्रों का आरोप है कि कालेज प्रशासन झूठी व्यवस्थाएं दिखाकर छात्रों के हितों से खिलवाड़ कर रहा है जबकि कालेज में व्यवस्थाओं के नाम पर कुछ भी सही नहीं है। इसके विरोध में सैकड़ों छात्रों ने कक्षाओं का बहिष्कार कर नारेबाजी शुरू कर दी। प्रदर्शनकारी छात्रों ने करीब 11:30 बजे कालेज प्राचार्या सुमन गुलाब से मिलना चाहा तो उन्होंने मिलने से इंकार कर दिया जिसके रोषस्वरूप छात्रों ने प्राचार्या के कार्यालय का दरवाजा बंद कर दिया तथा गेट के समक्ष नारेबाजी शुरू कर दी। इस दौरान उन्होंने किसी भी प्राध्यापक को कार्यालय में नहीं जाने दिया तथा न ही किसी को कार्यालय से बाहर आने दिया। करीब 20 मिनट बाद बस स्टेंड चौकी प्रभारी भूदेव सिंह व इसके बाद शहर थाना प्रभारी सुरेशपाल मौके पर पहुंचे। प्रदर्शनकारी छात्रों ने भूदेव सिंह को भी प्राचार्या के कार्यालय में जाने से रोका लेकिन बाद में भूदेव सिंह ने उन्हें आश्वासन दिया कि वे उनकी समस्याएं प्राचार्या के समक्ष रखेंगे तथा उनका हल करवाएंगे। इसके बाद उनको अंदर जाने दिया गया। बाद में कालेज प्राचार्या ने बाहर आकर छात्रों की समस्याएं सुनीं। प्रदर्शनकारी छात्रों ने बताया कि कालेज में पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं है। उन्होंने कहा कि कालेज में लाईब्रेरी है लेकिन उसमें किताबें नहीं हैं, कक्षाओं के समय लेक्चरॉर गायब मिलते हैं, कक्षाओं में बैठने के लिए बैंच, हवा के लिए पंखें नहीं हैं तथा बिल्डिंग भी जर्जर हालत में है। कालेज प्राचार्या ने छात्रों की समस्याएं सुनते हुए उन्हें आश्वासन दिया कि वे लिखित में शिकायतें दें तथा उनकी समस्याओं को एक सप्ताह में हल कर दिया जाएगा। इसके बाद छात्रों ने हड़ताल समाप्त की।
आप ने डीटीपी के खिलाफ खोला मोर्चा
सिरसा। आम आदमी पार्टी ने बृहस्पतिवार को नगर योजनाकार विभाग पर आरोप लगाते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की। आप के प्रांतीय संयोजक प्रहलाद सिंह भारुखेड़ा ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि डीटीपी विभाग पर बड़े स्केंडल को अंजाम देने की तैयारियों का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि डीटीपी विभाग की ओर से वर्ष 1892 के बाद शहर के भीतर और बाहर के क्षेत्र की उनके विभाग से एनओसी की अनिवार्यता लागू कर दी है। जिसकी वजह से विभाग की ओर से एनओसी की एवज में लूट मचाने की तैयारी की गई है। भारुखेड़ा ने बताया कि डीटीपी की ओर से 19 फरवरी 2015 को जारी किए गए पत्र में 1902 के बाद बसे शहर को अवैध घोषित कर दिया है जबकि वर्ष 2007 में सरकार द्वारा अनेक अवैध कालोनियों को वैध घोषित किया जा चुका है। सरकार की ओर से तमाम मूलभूत सुविधाएं भी मुहैया करवाई गई हैं। उन्होंने कहा कि नगर योजनाकार विभाग में एनओसी के बदले रिश्वत की खुलेआम मांग की जाती है। डीटीपी विभाग की ओर से कभी किसी क्षेत्र के लिए एनओसी की अनिवार्यता की शर्त लागू की जाती है तो कभी इस शर्त को हटा दिया जाता है। उन्होंने कहा कि डीटीपी विभाग की ओर से 27 मई 2013 को पत्र क्रमांक 1266 के तहत चतरगढ़ पट्टी के जिन क्षेत्रों के लिए एनओसी की अनिवार्यता लागू की गई थी 22 अगस्त 2013 को पत्र क्रमांक 1536 के माध्यम से उस अनिवार्यता को खारिज कर दिया गया। उन्होंने बताया कि आप के सदस्य वीरेंद्र कुमार एडवोकेट के माध्यम से सीएम विंडो पर इस आशय की शिकायत दाखिल की गई है। उन्होंने जनहित में नगर योजनाकार विभाग के इस आदेश की पड़ताल करने और शहर को अवैध घोषित करने वाले अधिकारिायें के खिलाफ एसआईटी का गठन कर जांच करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा भूमि अधिकरण बिल के विरोध में आंदोलन चला रही आम आदमी पार्टी की ओर से चार मार्च को प्रदेश के सभी सांसदों को नमक की थैली भेंट की जाएगी और उनसे इस बिल का विरोध करने की मांग की जाएगी।
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