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Monday, 18 November 2013

दुष्कर्म व हत्या में दो को फांसी

डबवाली में चार वर्षीय बच्ची महक की दुष्कर्म के बाद की गई थी हत्या

सिरसा। डबवाली के बहुचर्चित महक दुष्कर्म व हत्याकांड में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय ने दो युवकों को फांसी की सजा सुनाई है। दोषियों को तीन-तीन हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है। न्यायालय द्वारा सुनाए गए इस फैसले पर परिजनों ने संतोष जाहिर किया है।
              मामले के अनुसार 28 जनवरी 2013 को डबवाली के अंतर्गत कबीर बस्ती निवासी सुरेन्द्र कुमार की चार वर्षीय पुत्री महक लापता हो गई थी। घटना की जानकारी पुलिस को दी गई। पुलिस ने छानबीन करते हुए बच्ची का शव एक गंदे नाले से बरामद किया था। चिकित्सीय जांच में चौंकाने वाला तथ्य सामने आया। क्योंकि बच्ची के साथ दुराचार भी किया गया था। आरोपियों ने शव को खुर्द-बुर्द करने की नीयत से गंदे नाले में फेंक दिया था। मामला तूल पकड़ गया। लोगों ने धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया। मीडिया में मामला उछलने के बाद तत्कालीन एसएसपी राजश्री सिंह मौके पर पहुंची थीं और आरोपियों को शीघ्र गिरफ्तार करने के आदेश जारी किए। महकमा सतर्क हुआ। पुलिस ने इसी मोहल्ले विकास उर्फ विक्की पुत्र विजय व पवन कुमार पुत्र सुरजीत कुमार को संदेह के आधार पर काबू किया था। जब पुलिस ने आरोपियों से कड़ी पूछताछ की तो दोनों युवकों ने राज उगलते देर नहीं लगाई। पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने गुनाह कबूल किया और बताया कि महक अपनी बड़ी बहन कोमल के साथ घर के बाहर खेल रही थी। दोनों ने नशे का सेवन किया हुआ था। नशे में धुत्त दोनों महक को उठाकर ले गए और उसके साथ दुष्कर्म किया और बच्ची की हत्या कर दी। मामले को दबाने के प्रयास में बच्ची के शव को गंदे पानी के नाले में फेंक दिया। दो दिन तक पुलिस बच्ची के शव को ढूंढने में जुटी रही। दोनों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया। पुलिस ने शव भी गंदे नाले से बरामद कर लिया। जांच के बाद चालान न्यायालय में पेश किया गया।
                आज अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश आरपी गोयल की अदालत ने दोनों युवकों को दुष्कर्म व हत्या का दोषी माना। न्यायालय ने मामले को जघन्य अपराध करार देते हुए विकास व पवन को फांसी की सजा सुनाई। दोषियों को न्यायालय ने तीन-तीन हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।

दो युवकों ने की आत्महत्या

एक ने लगाया फंदा, दूसरा रेलगाड़ी के आगे कूदा

सिरसा। जनता भवन रोड पर कोरियर कंपनी में कार्य करने वाले कारिंदे ने गत रात्रि फंदा लगाकर आत्म हत्या कर ली। मृतक की जेब से सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवा वारिसों को सौंप दिया। इस संदर्भ में मर्ग दर्ज कर ली गई है।
    जानकारी के अनुसार चत्तरगढ़पट्टी का रहने वाला राजेन्द्र पुत्र लीलूराम जनता भवन रोड स्थित डीटीसी कोरियर कंपनी में कार्यरत्त था। रोजमर्रा की भांति राजेन्द्र कार्यालय पहुंचा। सांझ ढले कोरियर संचालक सचिन ने उसे घर जाने के कहा तो राजेन्द्र ने काम अधिक होने की बात कही। सचिन घर चला गया, राजेन्द्र कार्यालय में ही रुक गया। आज प्रात: काफी समय तक कार्यालय नहीं खुला तो लोगों ने देखा कि राजेन्द्र पंखे से फंदा लगाकर लटका हुआ है। तत्काल घटना की जानकारी पुलिस व कोरियर संचालक सचिन को दी गई। पुलिस ने शव फंदे से नीचे उतारा। तलाशी के दौरान उससे एक सुसाइड नोट बरामद हुआ। सुसाइड नोट में राजेन्द्र ने अपनी पत्नी से संबंध नहीं बनाए जाने की बात लिखते हुए माफी मांगी है। पुलिस ने शव का पंचनामा भर सामान्य अस्पताल पहुंचाया।
    उधर थेड़ मोहल्ला निवासी अनिल पुत्र मोहन लाल सोनी ने मानसिक परेशानी के चलते रेलगाड़ी के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली। राजकीय रेलवे पुलिस ने अंत: परीक्षण करवा शव वारिसों को सांैप दिया।

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