सिरसा। पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय की न्यायाधीश श्रीमती दया चौधरी ने न्यायिक अधिकारियों एवं अधिवक्ताओं का आह्वान किया है कि वे पूरी पारदर्शिता और ईमानदारी के साथ न्यायिक सिस्टम के आधार पर प्रत्येक गरीब व जरूरतमंद व्यक्ति को न्याय दिलाने में अपनी महत्ती भूमिका अदा करे। श्रीमती चौधरी आज बार कक्ष में न्यायिक प्रक्रिया से जुड़े सभी जजों व अधिवक्ताओं को सम्बोधित कर रही थी। इससे पूर्व श्रीमती दया चौधरी ने लोक निर्माण विश्राम गृह में प्रशासनिक अधिकारियों व न्यायिक प्रक्रिया से जुड़े अधिकारियों से भी बातचीत की। पुलिस विभाग की टुकड़ी ने उन्हें सलामी देकर सम्मान दिया। उन्होंने कहा कि सच्चाई व ईमानदारी में सबसे बड़ी ताकत है। इसलिए सभी अधिवक्ता व जजों को इस रास्ते पर चलकर पीडि़त व्यक्ति को न्याय देने में देरी नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जरूरतमंद व गरीब व्यक्ति को न्याय का बड़ा इंतजार होता है इसलिए उन्हें अधिक समय तक इंतजार न करवाएं तथा लंबित पड़े मामलों का निपटारा शीघ्र करें। उन्होंने कहा कि न्यायाधीश और वकीलों को संबंधित क्षेत्रों में बड़ी चुनौतियों और कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है उन्हें चाहिए कि वे अपने व्यवसायों में पूरी स्वच्छता और पारदर्शिता बरतते हुए कठिनाइयों से पार पाएं ताकि जरूरतमंद व्यक्ति को न्याय मिल सके। श्रीमती चौधरी ने कहा कि न्यायाधीश और वकील कचहरी परिसर में सौहार्दपूर्ण माहौल बनाकर कार्य करें। इस अवसर पर जिला बार एसोसिएशन के प्रधान रमेश मेहता ने उनके समक्ष मांगें रखीं। उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय के स्तर की जो भी जायज मांगें हैं उन्हें पूरा करवाने का वे भरसक प्रयत्न करेंगी। उन्होंने स्थानीय जिला न्यायालय में और अधिक कोर्ट स्थापित करवाने की बात भी कही। इस अवसर पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुभाष गोयल, अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश शुक्रमपाल, सिविल जज सुधीर परमार, श्रीमती सीमा सिंघल, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी नरेश सिंघल, उपमंडलाधीश रोशन लाल, बार एसोसिएशन के उपप्रधान संजय गोयल, सचिव सत्य नारायण कुलडिय़ा, संयुक्त सचिव मोनिका शर्मा तथा सचिन गोयल आदि उपस्थित थे।
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