पूरा सच केवल एक समाचार पत्र ही नही है, बल्कि यह समाज में फैली कुरीतियों
के विरुद्ध कलम की आवाज़ है, जिसे सिरसा के शहीद पत्रकार राम चन्द्र
छत्रपति ने सन 2000 में बुलंद किया. लेकिन अफ़सोस कि सच के सौदागरों ने
छत्रपति की कलम की नोक तोड़ने का कुत्सित प्रयास किया. नोक टूट तो गयी
लेकिन कलम चलती रही. अब उसकी स्याही अधिक फैलाव के साथ सच लिख रही थी. सच
के सौदागरों ने नोटों के बंडलों से पूरा सच में छपे अक्षरों को छुपाने की
कोशिश की लेकिन टूटी नोक वाली कलम की स्याही का फैलाव ही इतना था की नोट
भी इसे छुपा नहीं सके. कलम 11 वर्ष से निरंतर चल रही है, सच लिख रही है
लेकिन न तो इसकी स्याही सूखी है और न ही खत्म ही हो रही है. यही छत्रपति
की कलम का कमाल है. 'सच का सौदा' करने वालों को भी इस कलम की नोक तोड़ने का
मलाल तो है, लेकिन वो भी अब बेबस हैं. सच का सौदा काफी हुआ अब सच्चा सौदा
होगा. गुरु नानक देव जी वाला!
के विरुद्ध कलम की आवाज़ है, जिसे सिरसा के शहीद पत्रकार राम चन्द्र
छत्रपति ने सन 2000 में बुलंद किया. लेकिन अफ़सोस कि सच के सौदागरों ने
छत्रपति की कलम की नोक तोड़ने का कुत्सित प्रयास किया. नोक टूट तो गयी
लेकिन कलम चलती रही. अब उसकी स्याही अधिक फैलाव के साथ सच लिख रही थी. सच
के सौदागरों ने नोटों के बंडलों से पूरा सच में छपे अक्षरों को छुपाने की
कोशिश की लेकिन टूटी नोक वाली कलम की स्याही का फैलाव ही इतना था की नोट
भी इसे छुपा नहीं सके. कलम 11 वर्ष से निरंतर चल रही है, सच लिख रही है
लेकिन न तो इसकी स्याही सूखी है और न ही खत्म ही हो रही है. यही छत्रपति
की कलम का कमाल है. 'सच का सौदा' करने वालों को भी इस कलम की नोक तोड़ने का
मलाल तो है, लेकिन वो भी अब बेबस हैं. सच का सौदा काफी हुआ अब सच्चा सौदा
होगा. गुरु नानक देव जी वाला!
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